Iss Friendship day Par ek Visesh Yojna k sath kaam kiya Hai....
कौन कहता है कि
दोस्ती बराबरी में होती है
सच तो ये है
दोस्ती में सब बराबर होते है..!!
कौन कहता है कि
दोस्ती बराबरी में होती है
सच तो ये है
दोस्ती में सब बराबर होते है..!!
दो मित्र थे. वे बहुत ही बहादुर थे. उनमें से एक ने सभा के दौरान अपने राजा के अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई. राजा बहुत ही कठोर और निर्दयी था. स्वयं के प्रति बगावत का सुर सुनते ही राजा ने उस नौजवान को फांसी के तख्ते पर लटकाने की आज्ञा दी.
नौजवान ने राजा से विनती कि – “आप जो कर रहे हैं वह ठीक हैं. मैं खुशी से मौत की गोद में चला जाऊंगा, लेकिन आप मुझे कुछ देर कि मोहलत दे दीजिए, जिससे मैं गांव जाकर अपने बच्चों से मिल आऊं.”
राजा ने कहा – “नहीं, मैं तुम्हारी बात पर कैसे विश्वास करू?”
उस नौजवान का मित्र वहां मौजूद था. वह आगे आकर बोला – “मैं अपने इस दोस्त की जमानत देता हूं, अगर यह लौटकर न आए तो आप इसके बदले मुझे फांसी पर चढ़वा देना.”
राजा आश्चर्यचकित रह गया. उसने अपने जीवन में ऐसा कोई आदमी नहीं देखा था, जो दूसरों के लिए अपनी जान देने को तैयार हो जाए.
राजा ने नौजवान कि याचना को स्वीकृति दी. उसे छ: घण्टे की मौहलत दी गई. नौजवान घोड़े पर सवार होकर अपने गांव को रवाना हो गया और उसके दोस्त को कारागाह में बंद कर दिया गया.
नौजवान ने हिसाब लगाकर देखा कि वह लगभग पांच घंटे में लौट आएगा, लेकिन बच्चों से मिलकर वापस आते वक्त उसका घोड़ा ठोकर खाकर गिर गया और घायल हो जाने के कारण फिर उठा ही नहीं. नौजवान के भी बहुत चोटें आई, पर उसने एक पल के लिए भी हिम्मत नहीं हारी.
छ: घण्टे का समय भी बीत गया. किंतु वह नौजवान नहीं लोटा, तो उसका दोस्त बहुत खुश हुआ. आखिर उसके लिए इससे बढ़कर क्या बात होती कि दोस्त-दोस्त के काम आए. वह निरंतर ईश्वर से प्रार्थना करने लगा कि उसका मित्र वापिस न लौटे. फाँसी का समय हो चुका था. मित्र को फांसी के तख्ते के पास लाया ही गया था कि नौजवान वहां पहुंच गया.
नौजवान ने अपने दोस्त से कहा – “लो मैं आ गया. अब मुझे विदा दो और तुम घर जाओं.”
दोस्त ने कहा – “यह नहीं हो सकता. तुम्हारी मियाद पूरी हो गई.”
नौजवान ने कहा – “यह तुम क्या कह रहे हो! सजा तो मुझे मिली है.”
दोनों मित्रों की दोस्ती को राजा बड़े गौर से देख रहा था. राजा का मन भी पिघल गया, उसकी आंखें भर आईं. उसने उन दोनों को बुलाकर कहा – “तुम्हारी दोस्ती ने मेरे दिल पर गहरा प्रभाव डाला है. जाओ, मैनें तुम्हें माफ किया”
उस दिन से राजा ने कभी किसी पर अत्याचार नहीं किया......
Happy friendship Day To all Of You
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