Thursday, February 08, 2018

प्यार क्या है क्यों होता है प्यार किसी से – प्यार की परिभाषा....

आज हम सबसे शानदार topic पर बात करने वाले हैं जिसका नाम है प्यार, जो की हर किसी की ज़िन्दगी का अहम् हिस्सा है। बहुत से friends यही पूछते आये हैं कि सच्चा प्यार क्या है? प्यार क्यों हो जाता है किसी से? प्यार कब होता है, प्यार हो जाये तो क्या करे? इन सबके बारे में हम आपको बारीकी से बताने जा रहे हैं। बिना प्यार के हर किसी की ज़िन्दगी नाखुश और बेकार है। चाहे प्यार लड़का-लड़की के बीच हो या family love हो या पति-पत्नी का हो। प्यार की हमेशा जीत होती है। पीढ़ियों के लिए दार्शनिकों, कवियों, लेखकों और वैज्ञानिकों के प्यार का एक पसंदीदा विषय रहा है। हालांकि ज्यादातर लोग इस बात से सहमत हैं कि प्रेम से प्यार की भावनाओं का बहुत ही असर होता है, इसके सटीक अर्थ के बारे में कई असहमति हैं, और एक व्यक्ति के “मैं तुमसे प्यार करता हूं” का मतलब किसी दूसरे के लिए कुछ अलग है। लेकिन आज हम आपको पूरी तरह प्यार क्या है, प्यार क्यों होता है, What is Love in Hindi पूरी परिभाषा बताने जा रहे हैं।pyar kya hai kyu hota hai kisi se what is love in hindi

प्यार क्या है – प्यार की परिभाषा What is Love Hindi Definition

प्यार दो दिलों का मेल है जो कि आसानी से हो जाता है लेकिन आसानी से खत्म नहीं होता है। प्यार को दो शब्दों में बयां नहीं कर सकते न ही इसका कोई परिभाषा है। यह शब्दविहीन (wordless) है। इसे सिर्फ महसूस किया जाता है। यह एक खूबसूरत अहसास है जो दो लोगों को गहराई से आपस में जोड़ता है। प्यार दिल की एक आवसज है जिसे दिल की धड़कन से महसूस किया जा सकता है। प्यार में इंसान सब कुछ कर सकता है जिनमे प्यार के लिए हर कोई सारी दौलत, सोहरत, खुशिया, ऐशोआराम ठुकरा सकता है। यह एक सुन्दर पल है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। प्यार में इंसान एक दूसरे के लिए जीता है और एक दूसरे के लिए मर भी सकता है।
प्रेम की कुछ संभावित परिभाषाओं में शामिल हैं:
  • अपने से ज्यादा किसी और की भलाई और ख़ुशी को प्राथमिकता देने की इच्छा।
  • लगाव, स्नेह और ज़रूरत की अत्यधिक भावनाएं।
  • आकर्षण और सम्मान।
  • देखभाल, स्नेह और पसंद।
  • सहायता, सम्मान और देखभाल।
प्यार अगर एक पल के लिए दूर हो जाये तो इंसान सब कुछ भूलने लगता है और बार बार तनाव में आ जाता है। यह एक ऐसा अहसास है जिसमे दिल दूसरे के पास होता है। उसकी हर ख़ुशी भलाई के लिए खुद को कही भी कुछ भी करने के लिए तैयार हो सकता है।
Real Love (सच्चा प्यार) किसी कोई भी, किसी भी अवस्था में, किसी से भी, कहीं भी हो सकता है। एक बार प्यार में डूबने के बाद आदमी उससे बहार नहीं निकल सकता है। प्यार वह शक्ति है जो सात समंदर पार करके भी प्यार के पास आ जाता है। प्यार में बहुत बड़ी ताकत होती है जो दुनिया की हर समस्या से लड़ने को तैयार रहती है।
प्यार किसी भी अमीर या गरीब को हो सकता है। प्यार में जाती, धर्म, रंग रूप, अमीरी, गरीब जैसी चीजों के लिए जगह नहीं होती है। प्यार तो बस हो जाता है। प्यार में हर कोई चीज खूबसूरत लगती है। यह जिंदगी जीने का नजरिया बदल देता है। प्यार जिंदगी जीना सीखा देती है। प्यार में इंसान कुछ भी कर सकता है। प्यार में वो ताकत होती है जो दुश्मन को भी दोस्त बना देती है। इंसान चाहे कितनी भी दौलत कमा ले, चाहे कितना भी अमीर बन जाये अगर उसकी जिन्दगी में सच्चा प्यार नहीं है तो वह कभी खुश नहीं रह सकता।
प्यार क्यों होता है? प्यार कब होता है? प्यार में क्या होता है? प्यार और आकर्षण में क्या अंतर है? सच्चा प्यार का कैसे पता लगता है ? क्या होता है जब प्यार होता है? इन सब बातों को हम आपको बताने के लिए जा रहे हैं।

प्यार क्यों होता है?

माता-पिता, भाई-बहन, दोस्तों के साथ प्यार मिलने पर भी दिल को एक सुकून नहीं मिलता है। ऐसा लगता है कि हम अभी भी अधूरे हैं। हमारा दिल चाहता है कि हम किसी के साथ अपने सुख दुःख, प्यार स्नेह पूरी तरह बाँटें। जो हमारी हर बात को माने हमारे एहसास जाने, हमारी मदद करे। इंसान का स्वभाव ही ऐसा है अगर उसे कोई चीज मसनद आती है तो वह अपनापन महसूस करने लगता है और उसकी तरह आकर्षित होने लगता है धीरे-धीरे आकर्षण लगाव बन जाता है और प्यार में बदलने लगता है।
यही बात हमारे साथ भी होती है, हमें किसी का चेहरा पसंद आता है तो किसी की आँखे, या होंठ या फिर किसी का बात करने का तरीका। किसी को किसी के गुण अच्छे लगते हैं। जब इंसान को कोई चीज अच्छी लगने लगती है तो वह उसकी तरफ भागने लगता है। रोजाना उस चीज को देखने के लिए उसकी आदत सी हो जाती है और फिर बात करने के लिए फ़िदा होता है। धीरे-धीरे प्यार में दीवाना होने लगता है।

कब होता है प्यार?

प्यार करने की कोई उम्र और समय नहीं है, इसके लिए कोई फिक्स समय या उम्र नहीं होती। यह तो बस हो जाता है। प्यार आपको स्कूल, सोल्लगे, ऑफिस, अपनी गली में हो सकता है। आपको प्यार १६ से ४५ साल के बीच कभी भी हो सकता है। या कहें आजकल के समय में तो प्यार बड़ी जल्दी और बुढ़ापे में भी जाता है। जरूरी नहीं है की प्यार शादी से पहले ही होता है जिससे लव मैरिज अच्छा होता है वैसे तो वास्तविक प्यार शादी के बाद होता है। थोड़ा समय एक दूसरे के साथ बिताने से यह और गहरा हो जाता है।

प्यार कहाँ और कैसे होता है?

अब प्यार कहाँ और कैसे होता है इसका अनुमान लगाना बहुत आसान है। यह आपको पदोष, स्कूल, सोल्लगे में किसी भी दोस्त से हो सकता है। इसके अलावा आपको ऑफिस, बस, ट्रैन, कोचिंग सेण्टर, सोल्लगे लाइब्रेरी, मंदिर कहीं भी हो सकता है। मतलब ये है की इन जगहों में आपको कोई पसंद आ जाये या नहीं ये कह नहीं सकते हैं। अगर आपको उसको देखकर बार-बार दिल में उसी को देखने और उसका ख्याल आ रहा है तो लगता है आपको उससे प्यार होने लगा है।

आकर्षण वाला प्यार और सच्चे प्यार में अंतर 

प्यार और आकर्षण में बहुत बड़ा अंतर है। क्या होता है कि जब हम किसी को देखते हैं तो हमें किसी की आँखे, किसी का चेहरा, किसी का बात करने का स्टाइल या किसी का फिगर। इसे पहली नजागर वाला प्यार कहते है। हमारी इच्छा प्यार वाली ही होती है लेकिन कम समझदारी और इजहार न करने से झिझकते है।

आकर्षण वाला प्यार (Love Attraction)

आकर्षण वाला प्यार (Temporary Love) ज्यादातर खूबसूरती या body figure से होता है जो कि एकतरफा होता है। कभी कभी यह दोनों ओर से आकर्षण होता है ये सिर्फ क्रश बनकर रह जाते है। टेम्पररी लव बहुतों के साथ हो सकता है। जरूरी तो नहीं जिसके प्रति आपका आकर्षण हो रहा है वह आपकी बांतो को पसंद करे और आपसे प्यार करने लगे। और बहुत से दोस्त थोड़ी सी बात करने के बाद बिना उसकी मर्जी के उसपर हक़ ज़माने लगते हैं। हम सामने वाले की सोच और इच्छा जाने बिना और उसे अच्छी तरह से समझे बिना ही उससे बहुत सी ख्वाहिशें, उम्मीदें पाल लेते है लेकिन जब सामने वाला आपकी बातों और आपके साथ प्यार नहीं करने को कहता है तो आपका आकर्षण वही पर ख़त्म हो जाता है।

सच्चा प्यार (True Love)

जब बात आती है सच्चे प्यार की तो यह देखने से नहीं बल्कि एक दूसरे को जानने और समझने से होता है। सच्चे प्यार को जताने और करने में जल्दबाति नहीं होता है। इसमें एक दूसरे की समझदारी, भरोशा, सम्मान की बात आती है। सच्चा प्यार में मन और दिल दोनों एक दूसरे से जुड़ते हैं। सच्चा प्यार करने वाले चाहे कितनी भी दूर हों लेकिन उनका मन, दिल, आत्मा, अहसास सब कुछ एक दूसरे के साथ होता है। सच्चे प्यार में रंग,रूप, खूबसूरती, हवस कुछ नहीं होता है। इसमें दूसरे की परवाह होती है। इसमें चाहे मंजिल नहीं (वैसे तो मिल ही जाती है) लेकिन फिर भी खत्म नहीं होता अमर हो जाता है। सच्चे प्यार में एक दूसरे का ख्याल, सुख दुःख में साथ, मुश्किल समय में साथ निभाना होता है। agar सच्चा प्यार हो जाता है तो सोच, सपने, अहसास एक हो जाते हैं।

क्या होता है जब किसी से प्यार हो जाये?

प्यार जब किसी से हो जाता है तो सब कुछ बदल जाता है। आपको एक अलग ही फीलिंग आनी शुरू हो जाती है। हर समय एक दूसरे का ख्याल, उसे मिलने, उसे देखने, उसके साथ समय बिताने, उसे हँसाने, उससे मजाक करने को दिल करता है। उसकी हर बात चाहे अच्छी हो या बुरी अच्छी ही लगने लगती है। हर पल वह मेरे सामने रहे, मेरे पास रहे ये बात दिमाग में आती रहती हैं। उसके फ़ोन, मैसेज का इंतजार, शायरी पढ़ना शुरू हो जाता है। इसके अलावा रोमांटिक गाने सुनना, या कोई सुन्दर गाना खुद गाने लगते हैं। एक दिन भी अगर आप उससे नहीं मिलें तो दिल बैचैन हो जाता है। उसकी हर गलत बात पर भी प्यार आने लगता है। बस उसी की ही ख़ुशी देखने को दिल करता है।
तो दोस्तों प्यार अगर आपको हो जाता है तो कभी भी उसका मजाक नहीं बनाये, न ही उसे धोखा दें। क्यंकि अगर आप उसे धोखा दोगे वह आपके बिना इस दुनिआ में अकेला हो जायेगा और हो सकता है इस दुनिया से चला भी जाये। हम तो आपको यही पनाह देंगे की अगर आपको किसी ने धोख दिया है तो कभी भी ऐसा काम नहीं करें जिससे आपके परिवार वाले भी दुखी रहें। प्यार में धोख मिले तो क्या करें इस बात को ध्यान में नहीं रखे कुछ नया सोचे और अपने परिवार को खुश करें। जिन्होंने आपको इतने साल से पाल पोसकर, बड़े प्यार से बड़ा किया है।
Last Word: हम आशा करते हैं की आपको जब किसी से प्यार हो तो सच्चा ही हो, और आपके प्यार की जीत हो। आप हमेशा खुश रहें।

छठी पुतली रविभामा ~ विक्रमादित्य की परीक्षा!

  छठी पुतली रविभामा ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है: एक दिन विक्रमादित्य नदी के तट पर बने हुए अपने महल से प्राकृतिक सौन्दर्य को निहार रहे थे...