छठी पुतली रविभामा ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है:
Daily Something New Here Of the prospective line with story of success....... हम अपनी समस्याओं को उसी सोच के साथ हल नहीं कर सकते हैं जो हमने उन्हें बनाया था। "जितने दिन तक जी गई, बस उतनी ही है जिन्दगी, मिट्टी के गुल्लकों की कोई उम्र नहीं होती।"
Wednesday, October 26, 2022
छठी पुतली रविभामा ~ विक्रमादित्य की परीक्षा!
Thursday, August 25, 2022
#समोसा
ब्रह्माण्ड के किसी भी हलवाई की दुकान पर दो चीजें होना जरूरी है वर्ना वह दूकान हलवाई की दूकान नहीं कहलाती....
पहला तो हलवाई खुद और दूसरा समोसा !
संसार की एकमात्र ऐसी रचना जिसके तीन कोने होने के बावजूद भी शान से सीना तान कर खड़ा हो जाता है ....
.हलवाई की दुकान पर जब समोसे भर कर रखे जाते है तो तले जाने से पहले पूरी समोसा मंडली पंक्तिबद्ध रूप से यूँ ट्रे में खड़े दिखती हैं मानो सफ़ेद वर्दी पहने जवान सावधान की मुद्रा में खड़े होकर गार्ड ऑफ़ ऑनर दे रहे हों।
अपने इसी शाही अन्दाज़ के कारण सैकड़ों वर्षों से समोसा स्नैक फ़ूड का अघोषित सम्राट है और अपनी दो महारानियों यानी कि हरी चटनी और लाल चटनी के साथ फूडीयों के दिलों में राज करता है।
अमीर-गरीब में फर्क नहीं करता.....एयरपोर्ट लाउंज की फैंसी लुटेरी कॉफ़ी शॉप में "टू समोसास फॉर टू हंड्रेड फिफ्टी रूपीज़" में भी मिलता है और डाकखाने के सामने टीन के पतरे को लोहे की तार के साथ बिजली के पुराने खम्भे के साथ बाँध कर बनायी गई टपरी पर “दस के दो” भी मिलता है......ताज़ होटल की चाँदी की प्लेट में भी परोसा जाता है और पुल के नीचे वाले ठेले पर अख़बार में लिपटा हुआ भी मिलता है ......मतलब कुल मिला कर बड़े वाले सेठ जी और सेठजी के घर का नौकर दोनो बराबर स्वाद लेते है...
सड़क के किनारे किसी ठेले पर छोले और चटनी के साथ स्वाद लेते हुए किसी नयी नयी जॉब पर लगे हुए कूरियर कम्पनी के डिलीवरी बॉय के फ़ोन पर जब कॉल आती है और वो सामने से रिप्लाई करता है कि “मैं लंच कर रहा हूँ” तो क़सम से समोसे को इतना प्राउड फ़ील होता होगा कि उसके अंदर के आलू “अजीमो शान शहंशाह” वाले बैकग्राउंड म्यूज़िक पर नाचने लगते होंगे.....बस यूं समझिये कि जहाँ कुछ भी खाने को नहीं मिलता वहां पर भी समोसा हमेशा प्राणरक्षक का काम करता है।
जिस प्रकार मनुष्य के जीवन में मौत और दूकान में ग्राहक के आने का कोई निश्चित समय नहीं होता.... ठीक ऐसे ही समोसा खाने का भी कोई निश्चित समय नहीं है..... पूरे हिंदुस्तान में ही नहीं विश्व के कई देशों में में सुबह-सुबह नाश्ते में खाया जाता है.....देशभर की फ़ैक्टरियों, कम्पनियों की कैंटीन में तो दिन भर खाया जाता है.....स्कूल कॉलेजों की कैंटीन में मैं अनगिनत बनती बिगड़ती प्रेम कहानियों का गवाह बना है.... इन कैंटीनों की कड़ाही में दिन भर....निरंतर उत्पादन होता ही रहता है !
लेबर को ओवरटाइम का पैसा भले ही बीस रुपए कम दे दो पर बीच में एक ब्रेक लेकर चाय के साथ दुई समोसा खिला दो फिर देखी कैसे लेंटर डलने का काम भाँय से निपटता है।
समोसा, कहीं मैश किए हुए आलू से भरा जाता है तो कहीं कटे हुए चौकोर आलुओं से..... देश भर में कहीं भी किसी स्कूल में निरीक्षक आ जाएँ, किसी कम्पनी में ऑडिटर आ जाएँ, दुकान पर कोई पुराना ग्राहक ख़रीदारी करने आ जाए तो ट्रे में चाय के कप के साथ समोसा होना उतना ही स्वाभाविक है जितनी कि सेटमैक्स पर बार बार सूर्यवंशम का आना......फिर चाहे चाय के साथ चिप्स, बिस्किट, भुजिया कुछ भी हो पर अतिथि के लिए “#अरे ! #एक_समोसा_तो_लीजिए” का आग्रह सम्बोधन एक सम्मान सूचक वाक्य माना जाता है.
भारत के राष्ट्रीय स्नैक की पदवी के लिए चाहे तो कोई सर्वे करवा लीजिए चाहे वोटिंग, मेरा दावा है कि इस पदवी पर समोसे का चुनाव होना 100% पक्का है......यह मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि विश्व भर में समोसे के करोड़ों चाहने वाले कह रहे हैं !
( कचोरी को छोड़कर 🤣🤣🤣)
कभी कचोरी की महिमा के बारे में भी (संकलित)
😊
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Monday, August 22, 2022
पाँचवीं पुतली - लीलावती ~ विक्रमादित्य की दानवीरता
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Monday, August 08, 2022
चौथी पुतली कामकंदला ~ विक्रमादित्य की दानवीरता तथा त्याग की भावना
चौथी पुतली कामकंदला की कथा से भी विक्रमादित्य की दानवीरता तथा त्याग की भावना का पता चलता है। वह इस प्रकार है-
Wednesday, August 03, 2022
तीसरी पुतली चन्द्रकला ~ पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा!
तीसरी पुतली चन्द्रकला ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है।
Tuesday, August 02, 2022
दूसरी पुतली चित्रलेखा ~ राजा विक्रम और बेताल की कथा!
दूसरी पुतली चित्रलेखा की कथा इस प्रकार है-
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Monday, July 25, 2022
सिंहासन बत्तीसी-1--पहली पुतली रत्नमंजरी~राजा विक्रम के जन्म तथा सिंहासन प्राप्ति की कथा!
पहली पुतली रत्नमंजरी राजा विक्रम के जन्म तथा इस सिंहासन प्राप्ति की कथा बताती है। वह इस प्रकार है:
Thursday, March 03, 2022
Motivational Speech
दोस्तों मनुष्य की जिंदगी में सुख और दुख हमेशा साथ साथ चलते हैं व्यक्ति, को सभी तरह के समय के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन दुख के समय में कई लोग बुरी तरह टूट जाते हैं, और आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़ देते हैं। दोस्तों जब आप संघर्ष कर रहे होते हैं तो रास्ते मे बहुत सारे उतार चढ़ाव आते हैं। लेकिन इन उतार से जो व्यक्ति डर जाता है वह कभी आगे नही बढ़ पाता और जो ऐसे समय में धैर्य बनाए रखते हुए आगे बढ़ता रहता है वह जीवन में कभी असफल नही हो सकता।
निराशा एक ऐसी बीमारी है कि एक बार कोई इसकी चपेट में आ जाए तो उससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। अधिकांश लोग नए काम की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ करते हैं। लेकिन अगर आपके द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर सफलता नहीं मिलती है, तो कुछ समय बाद सारा उत्साह खत्म होने लगता है। इसका सबसे बड़ा कारण उदासीनता यानी अपने आप में प्रेरणा की कमी है। काम चाहे छोटा हो या बड़ा उसे अच्छे से पूरा करने के लिए काफी मोटिवेशन की जरूरत होती है। आजकल की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आज हम कुछ kahani humari jubaani लेकर आए हैं जिनके द्वारा आप किसी व्यक्ति अथवा छात्र के जीवन में उजाला ला सकते हैं।
इंतज़ार करने वालों को उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं
सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनके जीवन का एक लक्ष्य होता है और वे अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होते हैं। और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सच्चा दृढ़ संकल्प लेते हैं और इसके लिए वे लगातार प्रयास करते रहते है।
किसी भी सफलता की शुरुआत कोशिश करने से ही होती है। इसी बात पर एक बार चन्द्रगुप्त ने चाणक्य से पूछा “अगर किस्मत पहले लिखी जा चूकी है तो कोशिश करने से क्या मिलेगा” इस पर चाणक्य ने जवाब दिया “क्या पता किस्मत में लिखा हो कोशिश करने से ही मिलेगा” इसीलिए हम भी कहते है सफल होना है तो कोशिश तो करनी ही पड़ेगी।
अक्सर कोई भी काम शुरू करने से पहले लोग उसके फायदे, नुकसान, परिणाम, आदि के बारे में सोचने लगते हैं और जब वे ऐसा करते हैं तो हम एक कदम आगे बढ़ने से पहले ही खुद को पीछे धकेल देते हैं क्योंकि आपको कुछ नया मिलता है। अगर आप काम पर जाते हैं तो आपको जरूर लगेगा कि आप यह नहीं कर सकते या ऐसा करना आपके बस की बात नहीं है और जब आप लोगों के सामने इस पर चर्चा करते हैं तो लोग आपका मजाक उड़ाने लगते हैं।
हमें इन सब बातों को नजरअंदाज कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ना है। इसलिए सभी छात्रों को भी अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर होना चाहिए। तभी वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जो छात्र पूरी साल मेहनत, लगन और ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं। वो ही क्लास में टॉप करते हैं।
ज़िन्दगी की कठनाइयों से भाग जाना आसान होता है,
जिंदगी में हर पहलू इम्तेहान होता है,
डरने वालो को नही मिलता कुछ ज़िन्दगी में,
लड़ने वालों के कदमो में जहांन होता है.
“मैदान से हारा हुआ इंसान तो फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता इसलिए मन से कभी हार मत मानना”
वहीं जिन छात्रों को पढ़ाई करने से डर लगता है अथवा यह सोचते हैं कि वे फेल हो जाएंगे और इसलिए मेहनत नहीं करते तो उनका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है क्योंकि किसी काम को करने के लिए प्रयास करने और विश्वास रखने की जरूरत होती है। इसलिए सभी छात्रों को एक ध्येय बनाना चाहिए और उसे पाने के लिए बिना रुके तब तक प्रयास करते रहना चाहिए जब तक की उसे पा नहीं लें।
हर व्यक्ति के अंदर पॉज़िटिव एनर्जी भरी होती है जैसे कोल्ड्रींक की बॉटल के अंदर कोल्डद्रिंक भरी होती है मगर आप जब तक ढक्कन खॉलोगे नही तब तक वो बहार नही आ पाती। इसी तरह जब तक आप अपने अंदर की एनर्जी को बाहर नही आने दोगे तब तक सफल नही हो सकते ह्मे।
कुछ भी करने से पहले यही डर लगता है की लोग क्या कहेंगे या हम सफल होंगे या नही अगर व्यक्ति सफल और असफल होने का डर मन से निकाल दे तो उससे आगे बढ़ने से कोई रोक नही सकता। Failure के बिना Success की कहानी अधूरी होती है किसी भी महान व्यक्ति की success journey को देखलो बिना failure कोई भी आगे नही बढ़ा है। इसीलिए कहा जाता है कि
“failure is not different from success, failure is a part of success journey”
इसीलिए बिना किसी परिणाम की परवाह किए हमे अपना कार्य करते रहने चाहिए और अपने लक्ष्य को दृढ़ रखान चाहिए। अंतः सफलता प्राप्त होके ही रहेगी| इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ इन शब्दों के साथ।
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों
छठी पुतली रविभामा ~ विक्रमादित्य की परीक्षा!
छठी पुतली रविभामा ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है: एक दिन विक्रमादित्य नदी के तट पर बने हुए अपने महल से प्राकृतिक सौन्दर्य को निहार रहे थे...
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छठी पुतली रविभामा ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है: एक दिन विक्रमादित्य नदी के तट पर बने हुए अपने महल से प्राकृतिक सौन्दर्य को निहार रहे थे...
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दोस्तों इस जीवन में नामुनकिन कुछ भी नहीं (Nothing is impossible in life), नामुनकिन शब्द मनुष्य ने ही बनाया है| जब टेलीफोन और रेडियो आदि क...
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एक कंपनी में जॉब के लिए इंटरव्यू होने वाले थे. बहुत सारे आवेदक अपने तमाम योग्यताओं के प्रमाणपत्र लिए इंटरव्यू शुरू होने का इंतज़ार कर रहे थे...